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जॉन कीट्स ब्रिटेन के महान कवि और फैनी ब्रॉन की असफल प्रेम कहानी- कीट्स की मृत्यु महज 25 साल में हो गई दोनों ने शादी नहीं की उसने विधवा के रूप में कीट्स की मृत्यु पर शोक मनाया।

by Engr. Maqbool Akram
May 2, 2025
in Stories
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“मैं अमरता में विश्वास करना चाहता हूँ-मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ।”

जॉन कीट्स और फैनी ब्रॉन की कहानी खूबसूरत और दुखद है। उनके रिश्ते के बारे में हम जो कुछ भी जानते हैं, वह उन पत्रों के कारण है जो कीट्स ने ब्रॉन को उनके साथ बिताए गए छोटे और दुर्भाग्यपूर्ण समय के दौरान लिखे थे।

 

दोनों ने कभी शादी नहीं की, लेकिन ब्रॉन कीट्स के जीवन का सबसे बड़ा प्यार था। उसने विधवा के रूप में उसकी मृत्यु पर शोक मनाया। उसने अपने बाल कटवा लिए, काले कपड़े पहने, कीट्स के बालों का एक टुकड़ा वाला लॉकेट पहना और उसने कीट्स द्वारा दी गई अंगूठी पहनी।

 

लोग ज़िंदगी–भर काम करते हैं, फिर भी इतिहास के पन्नों पर उनका नाम दर्ज नहीं होता।

जॉन कीट्स ने महज़ 5 साल संजीदगी से लेखन किया और उन्हें दुनिया के महानतम कवियों में से एक माना गया। कीट्स को सिर्फ़ 25 साल की ज़िंदगी मिली थी।

 

John Keats and Fanny Brawn

जॉन कीट्स और फैनी ब्रॉन की कहानी खूबसूरत और दुखद है। उनके रिश्ते के बारे में हम जो कुछ भी जानते हैं, वह उन पत्रों के कारण है जो कीट्स ने ब्रॉन को उनके साथ बिताए गए छोटे और दुर्भाग्यपूर्ण समय के दौरान लिखे थे। 

200 बरस पहले, 1819
का बरस उनके जीवन का सबसे अच्छा और शायद सबसे बुरा बरस भी था। टीबी से मरी मां अपना रोग कीट्स के छोटे भाई को देती गई थी। उनका सारा समय उसकी देखभाल में जाता। अंग्रेज़ी का साहित्य–जगत उनकी कविताओं को लगभग नापसंद करता था।

 

इतने बुरे शब्दों में उनकी आलोचना होती कि पढ़कर कीट्स अवसादग्रस्त हो जाते। उसी बरस, 18 साल की फैनी ब्रॉन उनके करीब आईं।

Fnny Brawn

संयोग से, वे पड़ोसी बन गए। फैनी, कीट्स की कविताएं पढ़ती और पसंद करती थीं। इस नाते उनमें बात–मुलाकात होती रही, लेकिन वह अपने भाई की देखभाल में इतने उलझे थे कि फैनी के बारे में सोचने की फुरसत भी नहीं थी।

 

जल्द ही भाई की मृत्यु हो गई। अकेलेपन को दूर करने का उपाय उन्हें फैनी के संग–साथ में मिला। मातम में डूबे अपने मन को काबू करने की उनकी तमाम कोशिशें नाकाम रहीं और उन्हें फैनी से प्यार हो गया।

 

वह उससे शादी करना चाहते थे, लेकिन खुद की रोटी के लाले थे, परिवार कैसे बनाते। गरीबी, बेरोजगारी, काम पाने की कोशिशें और असफलताएं। इन सबके बीच, कविता में कुछ बड़ा काम करने का ख्वाब और परवान चढ़ती मुहब्बत।

कीट्स मेज पर बैठ गए और फैनी ब्रॉन के लिए कविता लिखी:
‘
ब्राइट स्टार’। यह उनकी सबसे मशहूर कविताओं में से एक है। इसके बाद जैसे रचनात्मक विस्फोट हुआ और एक के एक बाद कविताएं आने लगीं। जिन तीन प्रसिद्ध ओड या गीतों के लिए कीट्स को आज भी हैरत से याद किया जाता है, वे उन्हीं महीनों में लिखे गए थे।

 

एक
बार उन्होंने फैनी से कहा, ‘लोग अपने मज़हब के लिए जान दे देते हैं। मेरा मजहब प्यार है। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान दे सकता हूं।’ शायद मौत के देवता ने यह बात सुन ली।

 

कुछ रोज बाद, एक रात कीट्स बुरी तरह खांसे। उनके मुंह से खून का थक्का निकला और चादर पर चिपक गया। कमरे में मौजूद अपने दोस्त से उन्होंने कहा, ‘जरा मोमबत्ती करीब लाओ। मैं इस खून को, इसके रंग को पहचानता हूं। यह मेरी मौत का फरमान है। अब मैं नहीं बचूंगा।’

Engagement Ring of Fanny Brawn

मां और भाई की तरह उन्हें भी टीबी हो गई थी। दिन–ब–दिन उनकी हालत खराब होती गई। फैनी ने बहुत देखभाल की, लेकिन उनके मर्ज का कोई इलाज नहीं था। डॉक्टरों ने इटली जाकर रहने की सलाह दी ताकि गर्म मौसम कुछ मददगार हो सके। अलविदा कहते समय कीट्स और फैनी, दोनों को पता था कि अब दुबारा मुलाक़ात नहीं होगी।

 

उन्होंने अपने दोस्त से कहा, ‘अभी–अभी तो जीना शुरू किया था। अंदाजा नहीं था कि मौत इतनी जल्दी आ जाएगी। जब मैं मरूं तो मेरी कब्र पर लिखवाना: ‘यहां वह आदमी सोया है, ईश्वर ने जिसका नाम पानी पर लिखा था।’

Painting of John Keats

रोम पहुंचने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गई, जिसकी सूचना फैनी को एक महीने बाद मिली। वह सात साल तक शोक मनाती रही।

 

जब वह रोम के लिए रवाना हुए तो उनकी सगाई हो चुकी थी और वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। 

लोगों के समझाने पर कीट्स की मृत्यु के 12 साल बाद फैनी ने शादी की और उनके 3 बच्चे हुए।
1865
में फैनी की मृत्यु हुई। उनके बच्चों के अलावा कीट्स के साथ उनके प्रेम की बात किसी को नहीं पता थी।

 

बच्चों ने तय किया कि जब तक पिता जिंदा हैं, इसे राज ही रखा जाए।
1872
में उन बच्चों ने फैनी के नाम लिखे कीट्स के खत दुनिया के सामने रख दिए और यह ‘छोटी–सी लव स्टोरी’ उजागर हुई।

 

फैनी के साथ कीट्स ने महज एक साल का समय गुजारा था। उनके रिश्ते में कोई नाटकीय उतार–चढ़ाव, घटनाएं या मोड़ नहीं थे। इसके बावजूद, वह यादगार प्रेम है। कविता में आई उनके प्रेम की अनुभूतियां, उनके मुंह से निकले खून जितनी ही गाढ़ी थीं।

John Keats

जीते–जी उनकी किताबों की सिर्फ 200
प्रतियां बिकी थीं, आज लाखों बिकती हैं। कीट्स की महानता में उनकी प्रतिभा ही नहीं, उनके प्यार का भी योगदान है।

 

सच है कि मुहब्बत, मौत को नहीं जीत सकती,
लेकिन वह इतनी गाढ़ी हो सकती है कि मरने के बाद भी उसकी आवाज गूंजती रहे।

 

कीट्स ने अपने रिश्ते के दौरान फैनी को कई पत्र लिखे, उनसे अपने प्रेम का इजहार किया और उनके लिए कविताएं लिखीं।

 

फरवरी 1820 में लंदन की यात्रा के बाद कीट्स बीमार पड़ गए और उन्हें बुखार हो गया, और फ़ैनी ने उस सर्दी में लगभग हर दिन उनके साथ बिताया। जब वे साथ नहीं रह पाते थे तो फ़ैनी उन्हें पत्र लिखते थे और वह हर रात उनके तकिए के नीचे एक नोट भेजती थी।

 

मैं तुम्हारे बारे में कुछ नहीं कह सकता, कुछ नहीं सोच सकता, लेकिन उस प्रेम में क्या है जो इतने लंबे समय से मेरा आनंद और पीड़ा रहा है। जिस रात मैं बीमार हुआ, मेरे फेफड़ों में खून का इतना तेज़ बहाव आया कि मुझे लगभग दम घुटने लगा – मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मुझे लगा कि मैं बच नहीं सकता और उस पल मेरे मन में तुम्हारे अलावा और कुछ नहीं आया…

 

मेरी आत्मा की कसम, मैंने तुम्हें बहुत प्यार किया है। काश तुम जान पाती कि मैं तुम्हारे चेहरे, हरकतों और पहनावे के अलग–अलग पहलुओं पर कितनी कोमलता से सोचता रहता हूँ। मैं तुम्हें सुबह नीचे आते देखता हूँ: मैं तुम्हें खिड़की पर मिलते देखता हूँ – मैं हर उस चीज़ को फिर से देखता हूँ जो मैंने कभी देखी है…  अगर मुझे यहाँ तुम्हारे साथ खुश रहना है – तो सबसे लंबी ज़िंदगी कितनी छोटी होती है – मैं अमरता में विश्वास करना चाहता हूँ – मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ…  मुझे यकीन है कि तुम मेरे दिल और आत्मा हो, और मैं ज़्यादा खुशी से मर सकता हूँ जितना मैं अन्यथा जी सकता था।

The  Grave stone of John Keats

अपनी सेहत सुधारने के लिए रोम, इटली जाने के बावजूद, कीट्स की हालत लगातार बिगड़ती गई और उन्हें फैनी की बहुत याद आती थी। वेंटवर्थ प्लेस से एक पत्र में, चार्ल्स आर्मिटेज ब्राउन (कीट्स के एक कवि और मित्र) ने लिखा,
“
मिस ब्रॉन…हर दिन और भी उदास दिखती हैं।“

 

चार्ल्स ब्राउन ने कीट्स को लिखा कि फैनी इस बात से परेशान है कि उसे कोई पत्र नहीं मिला, हालाँकि वह उसे पत्र लिखती रही थी। उसका उत्तर…

 

जॉन कीट्स ने मरने से पहले अपनी प्रेमिका फैनी ब्रॉन को यह अंतिम पत्र लिखा था।

Fanny Brawn

यह विश्वास कि मैं उसे फिर कभी नहीं देख पाऊंगा, मुझे मार डालेगा… मेरे प्यारे ब्राउन, मुझे उसे तब रखना चाहिए था जब मैं स्वस्थ था, और मुझे अच्छा रहना चाहिए था। मैं मरना सहन कर सकता हूं – मैं उसे छोड़ना सहन नहीं कर सकता। हे भगवान! भगवान! भगवान! मेरे ट्रंक में जो कुछ भी है, जो मुझे उसकी याद दिलाता है, वह मेरे अंदर भाले की तरह चुभता है।

 

मेरे यात्रा टोपी में उसने जो रेशमी परत डाली है, वह मेरे सिर को जला देती है। मेरी कल्पना उसके बारे में बहुत ज्वलंत है – मैं उसे सुनता हूं। दुनिया में इतनी दिलचस्पी की कोई चीज नहीं है जो मुझे एक पल के लिए भी उससे दूर कर सके… काश मैं जहां वह रहती है, उसके पास दफन हो सकता! मुझे उसे लिखने में डर लगता है – उससे एक पत्र प्राप्त करने में – उसकी लिखावट देखने से मेरा दिल टूट जाएगा – यहां तक कि किसी भी तरह उसके बारे में सुनना, उसका नाम लिखा देखना मेरे लिए सहन करने से परे होगा… मेरे प्यारे ब्राउन, मेरी खातिर

 

कीट्स का जीवन त्रासदी से भरा था। उनकी सगाई उनके जीवन के प्यार फैनी ब्रॉन से हुई थी। हालाँकि, उनका प्यार कभी शादी में नहीं बदला।

Death of John Keats

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी और कीट्स एक कवि के रूप में अपनी भूमिका को मजबूती से स्थापित करना चाहते थे तथा पैसा कमाना चाहते थे, तथा इसके अलावा वे तपेदिक से बहुत बीमार हो गए थे।

 

कीट्स की मृत्यु 23 फरवरी 1821 को रोम, इटली में हुई।

The End

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Engr. Maqbool Akram

Engr. Maqbool Akram

I am, Engineer Maqbool Akram (M.Tech. Mechanical Engineer from AMU ), believe that reading and understanding literature and history is important to increase knowledge and improve life. I am a blog writer. I like to write about the lives and stories of literary and historical greats. My goal is to convey the lives and thoughts of those personalities who have had a profound impact on the world in simple language. I research the lives of poets, writers, and historical heroes and highlight their unheard aspects. Be it the poems of John Keats, the Shayari of Mirza Ghalib, or the struggle-filled story of any historical person—I present it simply and interestingly.

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