नेपोलियन बोनापार्ट (1769- 1821) फ्रांस का महान बादशाह था। कद-काठी में छोटे नेपोलियन ने अपनी बहादुरी से दुनिया के एक बड़े हिस्से पर अपना राज कायम किया था। आज की तारीख में भी बहुत कम ऐसे लोग हैं, जो नेपोलियन की ऊंचाई तक तक पहुंचे।
नेपोलियन के सैनिक उससे मोहब्बत करते थे, तो दुश्मन उससे खौफ खाते थे। ब्रिटेन के महान योद्धा ड्यूक ऑफ वेलिंगटन ने कहा था कि जंग के मैदान में नेपोलियन, 40
हजार योद्धाओं के बराबर है।
एक आम आदमी से बादशाह की गद्दी तक का नेपोलियन की जिंदगी का सफर बेहद दिलचस्प रहा था। और उरूज से उनके पतन तक की कहानी भी बेहद दिलचस्प है।
नेपोलियन जितना महान योद्धा था, उसकी प्रेम कहानियां उतनी ही त्रासदी से भरी थी। उसने अपने जीवन में दो स्त्रियों से शादी की, उन्हें बेहद चाहा... लेकिन उसे मिली तो केवल उन दोनों की बेवफ़ाई।
फ्रांस का महान सम्राट नपोलियन बोनापार्ट एक ऐसा सेनानायक था जिसके जीवन में असंभव जैसा कोई शब्द था ही नहीं। महान शक्तिशाली शासक के रूप में फ्रांस या यूरोप को ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया। आज जानिए इस महान सेनानायक की प्रेम कहानियों के बारे में।
नेपोलियन की बेवफा प्रेमिका जोसफीन
नेपोलियन और जोसफीन की प्रेम कहानी की शुरुआत तब हुई जब नेपोलियन फ्रांसीसी सेना का प्रमुख था| जोसफीन एक सैनिक अधिकारी की पत्नी थी| उसके पति को फांसी की सजा मिली थी और जोसफीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया था
|
Josephine-First wife of Napoleon Buonaparte |
जोसफीन को उसके पहले पति से एक बेटा था, जिसका नाम यूजीन था और वह 14 साल का था| नेपोलियन के आदेश से फ्रांस का हर नागरिक अपने घर के हथियार को सेना के समक्ष जमा करा रहा था| यूजीन भी अपने पिता की तलवार लेकर जमा कराने आया था| उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे|
सहसा नेपोलियन की नजर उस पर पड़ी और उसने उससे रोने का कारण पूछा| यूजीन ने कहा कि वह उसके स्वर्गीय पिता का तलवार है और उससे अलग होते हुए उसे दुख हो रहा है| नेपोलियन ने पिता के प्रति उसके मन में श्रद्धा देखी और उसका तलवार उसे लौटा दिया
|
अगले दिन यूजीन की मां जोसफीन नेपोलियन को धन्यवाद देने गयी और नेपोलियन उसे देखते ही मोहित हो गया | जोसफीन भी नेपोलियन पर मर मिटी | जोसफीन वैसे तो नेपोलियन से उम्र में बड़ी थी और उसके और भी
Josephine |
कई प्रेमी थे, लेकिन नेपोलियन के साथ शक्ति और सत्ता जुड़ा होने के कारण जोसफीन उसकी होती चली गई ।
जिस वक्त नेपोलियन से उसकी शादी हुई उस वक्त जोसफीन की उम्र 32 व नेपोलियन की महज 26 साल थी। लेकिन जोसफीन से उसे सिंहासन का उत्तराधिकारी नहीं मिला।
नेपोलियन की पहली शादी 9 मार्च 1796 में जोसफीन से हुई थी। जोसफीन के बारे में कहा जाता है कि उसकी सुंदरता से पूरे पेरिस की महिलाएं जलती थी। फ्रांस के लोग जोजफीन को 'विक्टरी वुमन' कहा करते थे। उनका मानना था कि नेपोलियन की हर विजय उसकी साम्राज्ञी के कारण होती है।
जोजफीन का रहन-सहन का स्तर इतना ऊँचा था कि पेरिस भर की औरते उससे रश्क करती थी | नेपोलियन से शादी से पहले जोजफीन के अनेक प्रेमी थे | नेपोलियन प्राय: युद्ध क्षेत्र में उसे पत्र लिखा करता| ये पत्र बड़े महत्वपूर्ण होते थे |
शायद ही किसी प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को ऐसे पत्र लिखे हो | ये पत्र वह अपने अंगरक्षक के हाथ पेरिस भिजवाता था |
1796 में इटली अभियान के दौरान लिखे गए एक पत्र में बोनापार्ट ने कहा, 'मेरी प्यारी दोस्त आपकी ओर से हमें कोई पत्र नहीं मिला। जरूर कुछ खास चल रहा है इसलिए आप अपने पति को भूल गई हैं। हालांकि, काम और बेहद थकावट के बीच में केवल और केवल आपकी याद आती है।'
फ्रांस के लोग जोजफीन को “विजय की महिला” कहकर पुकारा करते थे क्योंकि उनका विशवास था कि नेपोलियन की हर विजय उसकी सामाज्ञ्री के कारण होती थी | फ्रांस के सम्राट लुई 15वे को फांसी दिए जाने के बाद बर्रास नामक जिस महान क्रांतिकारी ने फ़्रांस की बागडोर सम्भाली थी उसकी रखैल भी यही जोजफीन थी |
नेपोलियन स्वयं को फ्रांस का सम्राट घोषित करने वाला था और उसकी इच्छा थी कि वह जोजफीन को सामाज्ञ्री घोषित करे|
इसके लिए आवश्यक था कि पहले पोप की इजाजत ली जाती और यह तभी मिल सकती थी यदि जोजफीन और नेपोलियन की शादी कैथोलिक चर्च में होती | जोजफीन इसके लिए तैयार नही थी और पोप जोजफीन के कैथोलिक होने तक स्वीकृति देने को तैयार नही था |
Josephine |
आखिर जोजफीन को कैथोलिक रीती के अनुसार नेपोलियन से शादी करनी पड़ी | इस प्रकार वह फ्रांस का सम्राट बना और जोजफीन साम्राज्ञ्री | वह बड़ी ही अय्याश प्रकृति की औरत थी | वह साल भर में 520
जूते और 600
मोज़े तथा अन्य अनगिनत पोशाके खरीदा करती थी |
जोजफीन के पतन का कारण बना उसका एक प्रेम ,जिसका नाम हाईपोर्टो चार्ल्स था
चार्ल्स इतना अधिक हंसोड़ व्यक्ति था कि जोजफीन हर समय उसे अपने पास देखना चाहती थी | फ्रांस के लोगो ने चार्ल्स को लेकर सामज्ञ्री जोजफीन पर छीटाकशी शुरू कर दी |
युद्ध क्षेत्र से जब जोजफीन को नेपोलियन के पत्र आते तो वो वह पढकर प्रशंशा करने के बजाय उल्टे यह कहती कि नेपोलियन भी कैसा मसखरा है| इस प्रकार वह नेपोलियन की भावनाओं के मजाक उडाती लेकिन बाद में चलकर उसे इन पत्रों का वास्तविक मूल्य पता चला |
नेपोलियन को जोजफीन की बेवफाई का कुछ एहसास हो गया था
इसलिए उसने उसे कहला भेजा कि वह इटली के युद्ध क्षेत्र में आकर उसे मिले | वह इस बहाने जोजफीन को चार्ल्स के चंगुल से मुक्त कराना चाहता था | जोजफीन ने पहले तो जवाब भिजवाया कि वह युद्ध क्षेत्र में नही आ सकेगी पर बाद में उसने जाने के फैसला तो कर लिया, मगर चार्ल्स को भी अपने साथ लेती गयी-खुले तौर पर नही बल्कि अपने सामान में छिपाकर|
नेपोलियन को इसकी भनक मिल गई और उसने जोसफीन के वहां पहुंचते ही सारे सामान की तलाशी लेने का हुक्म दिया।
कपड़े वाले बक्से में चार्ल्स छिपा मिला। नेपोलियन ने उसे मारने का हुक्म दे दिया, लेकिन जोसफीन उसके पैरों पर गिरकर चार्ल्स के लिए माफी लेने में सफल रही और उसे वहां से पेरिस भिजवाने में कामयाब हो गई। जोसफीन ने नेपोलियन से वादा किया कि अब वह कभी चार्ल्स से नहीं मिलेगी। उसके बाद उसने चालाकी से काम लिया और दिखावे के लिए नेपोलियन से प्यार जताती रही।
उसने नेपोलियन को वचन दिया कि वह फिर कभी भी उससे नही मिलेगी |
उस दिन के बाद से जोजफीन ने नेपोलियन के प्रति अधिक प्यार जताना शुरू कर दिया था | बाद में नेपोलियन को युद्ध के सिलसिले में मिस्त्र जाना पड़ गया | उस दौरान जोजफीन आजाद थी जो चाहे कर सकती थी और उसने जैसा चाहा वैसा किया भी | कइयो से इश्क लड़ाया |
Napoleon divorced Josephine |
नेपोलियन को दिए वचन के बावजूद वह आवारा चार्ल्स से भी मिलती रही और उसके साथ रंगरेलिया मनाते रही
आखिरकार जोसफीन को तलाक दे दिया नेपोलियन ने
नेपोलियन
युद्ध
के लिए मिश्र गया और जोसफीन ने फिर से चार्ल्स को महल में बुलवा लिया। एक दिन नेपोलियन के भाई जोजेफ ने दोनों को हमबिस्तर पकड़ लिया और उसने नेपोलियन को इस बारे में संदेश भेज दिया। नेपोलियन बहुत दुखी हुआ और उसने जोसफीन की खुशी के लिए उसे तलाक देने का फैसला किया और बाद में उसने जोसफीन को तलाक दे दिया।
Nepolio9n Buonaparte Divorced Josephine |
नेपोलियन ने एक शानदार बग्घी में बैठाकर उसे विदाई दी थी।
तलाक देते समय नेपोलियन ने कहा था, ‘जोसफीन के साथ बिताये 15 वर्षों की याद हमेशा मेरे साथ रहेगी।
मैंने अपने हाथों से उसके सिर पर साम्राज्ञी का ताज पहनाया था। मेरी इच्छा है कि मुझसे दूर जाने के बाद भी जोसफीन एक साम्राज्ञी ही रहे। मैं उसका यह पद छीनना नहीं चाहता। मेरे दिल में वह हमेशा एक प्यारे दोस्त की हैसियत से रहेगी’।
जोसफीन ने भी कहा कि वह सम्राट नेपोलियन के लिए हमेशा एक मित्र बनी रहेगी. नेपोलियन ने एक शानदार बग्घी में बिठा कर उसे विदाई दी थी।
मालमेसन के अस्तबल में आज भी यह बग्घी सुरक्षित है। इस अस्तबल में वह ऐतिहासिक बग्घी भी मौजूद है, जिस पर सवार होकर नेपोलियन वाटरलू की लड़ाई से हारने के बाद पेरिस लौटा था।
इतिहास में चार्ल्स के अलावा जोसफीन के एक अन्य प्रेमी बर्रास का भी जिक्र मिलता है।
फ्रांस के सम्राट लुई 15 वें को फांसी दिए जाने के बाद क्रांतिकारी बर्रास ने ही फ्रांस के शासन की बागडोर संभाली थी। जिक्र मिलता है कि जोसफीन उस बर्रास की रखैल रह चुकी थी। बर्रास ने ही नेपोलियन के करीब पहुंचने के लिए जोसफीन का इस्तेमाल किया था और उसे नेपोलियन के समक्ष भेजा था।
जोजफीन को गुलाबो का बड़ा शौक था | उसने अपने शानदार बाग़ में 355 प्रकार के गुलाब उगवा रखे थे |
उसके हाथ से उगाये हुए गुलाब के पौधे आज तक उस बाग़ में मौजूद है | जोजफीन का शयन कक्ष नेपोलियन के शयन कक्ष से तीन-चार कमरों के फासले पर था | उसने अपना पलंग ऐसे कलात्मक ढंग से सजा रखा था जिसकी सजधज देखते ही बनती थी | अंत में इसी पलंग पर उसकी मृत्यु भी हुयी थी |
नेपोलियन की हार के बाद जब रूस ने उसे नजरबंद किया तब जोजफीन ने जार से प्रार्थना की थी कि वह नेपोलियन को फ्रांस आने की इजाजत दे दे|
जोजफीन की सुन्दरता पर रीझ कर जार से उसकी प्रार्थना पर गौर करने का वचन देते हुए कह दिया था कि वह अपने मित्र देशो से सलाह करके फैसला करेगा |
जार के साथ पार्क में घूमते समय जोजफीन को ठंड लग गयी थी जिसके कारण उसे निमोनिया हो गया और वह इस भेंट के तीन बाद ही 29 मई 1819 को इस संसार से चल बसी |
नेपोलियन की दूसरी शादी आस्ट्रिया के सम्राट फ्रांसिस की बेटी मेरी लूसी से हुई थी।
Marie Louise |
मेरी लूसी ने न केवल नेपोलियन से बेवफ़ाई की, बल्कि अपने पिता से मिलकर एक साजिश के तहत वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन को परास्त भी कराया।
Marie Louise-Second Wife of Napoleon Buonaparte |
नेपोलियन की पत्नी बनने के बाद लूसी एडम अलब्रेच नामक एक काउंट से प्यार करने लगी थी। एडम के मन में नेपोलियन के प्रति घृणा थी। वाटरलू की लड़ाई हारने के बाद नेपोलियन एलबा में निष्कासित जीवन जी रहा था। वहां भी मेरी लूसी ने मेप्पर्ग नामक एक व्यक्ति से इश्क लड़ाया और नेपोलियन को छोड़कर उससे शादी कर ली।
Marriage of Napoleon With Marie Louis |
मेप्पर्ग से मेरी के तीन बच्चे पैदा हुएा मेरी लूसी से पग-पग पर धोखा खाने के बावजूद नेपोलियन ने अपने वसीयतनामे में लिखा था, '' मेरी मौत के बाद मेरा दिल निकालकर शराब में डाल देना और फिर उसे मेरी प्यारी लूसी तक पहुंचा देना। उससे यह कहना कि मैं उसे बेहद प्यार करता था और जीवन के अंतिम क्षण तक करता रहा।''
The End
Disclaimer–Blogger has posted this short
story with help of materials and images available on net/ Wikipedia. Images on
this blog are posted to make the text interesting.The materials and images are
the copy right of original writers. The copyright of these materials are with
the respective owners.Blogger is thankful to original writers.