इतिहास के पन्नों में ऐसी बहुत सी घटनाएं छिपीं हैं, जिन से यदि धूल हटाई जाए तो वर्तमान रोमांच से भर जाएगा.
ऐसे चेहरे बाहर निकल कर आएंगे जिन्होंने पूरी दुनिया को देखने का नजरिया ही बदल दिया. शानदार व्यक्तित्वों में एक नाम आता है ‘ग्रिगोरी रास्पुतिन’ का.
Czarina Alexandra and Grigory Rasputin |
रूसी क्रांति के दौर में ग्रिगोरी रास्पुतिन ने खूब सुर्खियां बंटोरी थी.कोई उन्हें किसान कहता है तो कोई तीर्थयात्री! किसी ने उन्हें भगवान के लिए पागल होने वाला फकीर कहा तो कोई उन्हें शैतानी शक्तियों का जानकार मानता था!
इस तरह रास्पुतिन के लिए हर व्यक्ति ने अपनी राय बना ली थी. फिर भी यह रहस्य बरकरार ही रहा है कि असल में ग्रिगोरी रास्पुतिन आखिर कौन थे?
लोगों
का मानना तो यह भी है कि वह इतने शक्तिशाली थे कि द्वितीय विश्व युद्ध को रोक सकते थे!
करीब 120 साल पहले रूस के राजा जार निकोलस (Czar Nicholus II) सेकंड और उनकी बीवी महारानी अलेक्जेंड्रा (Cizarina Alexandra) पर रास्पुतिन का जादू आज भी कहानियों में सुनाया जाता है। आपको बता दें कि प्रथम विश्व युद्ध के बाद रूस के 300 सालों से चले आ रहे साम्राज्य का अंत हुआ था।
सायनाइड से नहीं मरा तो गोलियां मारीं, फिर भी नहीं मरा तो बर्फीली नदी में फेंका, कहानी ऐसे हैवान की जिससे कांपता था रूस
रास्पुतिन, रूस की ऐसी रहस्यमयी शख्सियत
जिसे ना तो गोली मार पाई, ना ही सायनाइड
जहर। एक ऐसा पुरुष जिसमें सम्मोहन
की ऐसी शक्ति
थी जिसने रूस के शासक को भी अपना गुलाम
बना लिया था। कचरे के ढेर में रहने वाला
रास्पुतिन कब राजमहल
का सबसे अहम व्यक्ति बन गया कोई नहीं जानता।
Grigori Rasputin |
रासपुतिन 10 मार्च को साइबेरियाई शहर पोक्रोवस्कॉय में पैदा हुए थे।
संभवत: 1869 में। रासपुतिन ने 18 साल की उम्र में धार्मिक परिवर्तन किया और तीन महीने तक वर्कशीट मठ में बिताए। जब वह पोक्रोव्स्कॉय के पास लौटा तो वह एक बदला हुआ आदमी था। हालाँकि उन्होंने प्रोस्कोविया फ्योडोरोवना से शादी की और उनके साथ तीन बच्चे थे (दो लड़कियां और एक लड़का), वह एक अजनबी ("तीर्थयात्री" या "पथिक") के रूप में घूमना शुरू कर दिया ।
Rasputin with Soldiers |
अपने भटकने के दौरान, रासपुतिन ने ग्रीस और यरूशलेम की यात्रा की। हालाँकि वह अक्सर पोक्रोवस्कॉय के पास वापस जाता था, उसने 1903 में खुद को सेंट पीटर्सबर्ग में पाया। तब तक वह खुद को एक स्ट्रीट्स, या पवित्र व्यक्ति घोषित कर रहा था, जिसके पास उपचार शक्तियां थीं और भविष्य की भविष्यवाणी कर सकता था।देखा गया कि वह जो भी कहता वो सच हो जाता था।
उसका अंदाज कुछ ऐसा था कि लोग सहम जाते थे।बीमार और डरे हुए लोगों को ऐसे लोगों पर बहुत असामान्य भरोसा हो जाता है। माना जाने लगा कि रास्पुतिन के पास दैवीय शक्तियां आ चुकी थीं। वो बेहद जिद्दी और घमंडी हो चुका था।
Grigori Rasputin |
16-17 जुलाई
की रात राजा
जार के पूरे
परिवार की उनके
महल में घुसकर
हत्या कर दी गई थी। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं उस दौर के सबसे खतरनाक
शख्स की कहानी,
जिसका श्राप इसकी
वजह माना जाता
है। उसकी बातें
सच होने लगीं...
19वीं शताब्दी के प्रारंभ का समय था. पूरी दुनिया अलग—अलग तरह के सैन्य और राजनीतिक बदलाव देख रही थी. रूस पर भी इसका असर साफ दिखाई दे रहा था.
देश की ताकत बढ़ाने के लिए लगातार एक—दूसरे पर हमले किए जा रहे थे. खासतौर पर रूसी क्रांति का युग आ गया था.
1905 में रूस और जापान का भयानक युद्ध हुआ. रूस के पास बड़ी सेना थी फिर भी वह जापान से हार गया. इस हार का गुस्सा न केवल रूसी सेना में था बल्कि आम जनता में भी रोष था. जब ग्रिगोरी सेंट पीटर्सबर्ग पहुंच रहे था तभी वहां के हालत बेकाबू होने शुरू हुए.
पराजय के अपमान से दुखी जनता सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित राजा निकोलस के महल की ओर बढ़ रही थी.
Czar Nicholas II |
इस बात की खबर जैसे ही सरकार को हुई उन्होंने सेना को आदेश दिया कि विद्रोहियों को खत्म कर दो. इस भीड़ में मजदूर और उनके परिवार शामिल थे. सेना ने आदेश का पालन किया और सभी पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया.
Czar Nicholas II |
देखते ही देखते लाशों के ढ़ेर बिछ गए. यह दिन रविवार का था इसलिए इतिहास में इसे ‘खूनी रविवार’ के नाम से जाना गया.
इस घटना से आम जनता डरी हुई थी. महल में भी डर का माहौल बना हुआ था कि तभी एक खुशखबरी आई…
राजमहल से शुरू हुआ मायाजाल
1906
में रास्पुतिन की ख्याति जार निकोलस के दरबार तक पहुंची। यहीं से उसके मायाजाल की शुरुआत हुई। जब रास्पुतिन दरबार पहुंचा, तब रानी अलेक्जेंड्रा लंबे वक्त से अपने बेटे के लिए एक वैद्य खोज रही थी। उनके बेटे को हीमोफिलिया था।
Czarina Alexandra |
रूस के सम्राट और साम्राज्ञी Czar निकोलस II और Czarina Alexandra ने एक नर वारिस को जन्म देने के लिए सालों तक कोशिश की थी। चार लड़कियों के पैदा होने के बाद, शाही जोड़ा हताश था। उन्होंने कई फकीरों और पवित्र पुरुषों को बुलाया।
अंत में,
1904 में, एलेक्जेंड्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया, अलेक्सी निकोलाइयेविच। दुर्भाग्य से, जो लड़का उनकी प्रार्थनाओं का जवाब था, वह
"शाही बीमारी,"
हीमोफिलिया से पीड़ित था।
Czarina Alexandra |
राजकुमार को एक जरा सा कट लग जाने पर जान जाने का खतरा बना रहता था। उस वक्त इस बीमारी को कोई इलाज नहीं था। ऐसे में रास्पुतिन ने रानी को भरोसा दिलाया कि राजकुमार को कुछ नहीं होगा। उसने ना जाने ऐसा क्या किया कि कुछ ही दिनों में राजकुमार बिल्कुल ठीक हो गया। इससे शाही दरबार रास्पुतिन का मुरीद होने लगा।
एक
साथ दर्जनों महिलाओं से बनाता था संबंध
राजघराने में बढ़ती इज्जत ने रास्पुतिन को घमंडी अौर अय्याश बना दिया था। वह कई औरतों के साथ रहने लगा। सुबह से लेकर रात तक वह शराब और औरतों में डूबा रहता। उसे नहलाने के लिए कई महिलाएं लगी रहतीं। शाही दरबार की औरतों के साथ सेक्स और सनक में डूबने के उसके किस्से फैलने लगे।
Rasputin with his admirers-1914 |
कुछ का मानना है कि वह इस कदर अय्याश हो चुका था कि एक साथ दर्जनों महिलाओं से संबंध बनाता था। कई बार महीनो तक अपने कपड़े नहीं बदलता था। उसके पास से बकरे की तरह महक आती थी। फिर भी महिलाएं उसके करीब ही रहती थीं। ये सम्महोन विद्या की वजह से था।
रानी
से अफेयर के चर्चे
माना जाता था कि रास्पुतिन ने अपनी जादूई शक्तियों से महारानी अलेक्जेंड्रा को वश में कर रखा था।
1914 में जब प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ा तब अलेक्जेंड्रा लोगों के निशाने पर आ गईं। रास्पुतिन और महारानी के बीच करीबी लोगों के समझ नहीं आती थी।
Czarina Alexandra |
पूरे रूस में दोनों के सेक्सुअल रिश्ते की बातें चलती थीं, पर ये कभी सिद्ध नहीं हो पाया। हालांकि, इतिहासकार उनके बीच के पत्रों को इसका सबूत मानते हैं। एक पत्र में अलेक्जेंड्रा ने रास्पुतिन को लिखा था,
''मेरी रूह को तुम्हारे साथ ही सुकून मिलता है। मेरे गुरु हो तुम। मैं तुम्हारे हाथ चूम रही हूं और तुम्हारे कंधे पर अपना सिर रख रही हूं''।
एलेक्जेंड्रा के लिए अपनी पवित्र शक्तियों को साबित करने के बाद, रासपुतिन अलेक्सी के लिए सिर्फ उपचारक नहीं बने रहे; रासपुतिन जल्द ही एलेक्जेंड्रा के विश्वासपात्र और व्यक्तिगत सलाहकार बन गए।
Czar Nicholas II and Family |
अभिजात वर्ग के लोगों के लिए, एक किसान को सलाह देना, जो कि सीजर पर बहुत अधिक प्रभाव रखता था, अस्वीकार्य था। इसके अलावा, रासपुतिन को शराब और सेक्स बहुत पसंद था, दोनों का उसने अधिक मात्रा में सेवन किया।
The Romanov family, last ruling dynasty of the Russia Empire: Tsarina Alexandra, Tsarevich Alexei, and Tsar Nicholas II. |
हालांकि रसपुतिन शाही दंपति के सामने एक पवित्र और संत पवित्र व्यक्ति के रूप में दिखाई दिए, लेकिन अन्य लोगों ने उन्हें एक सेक्स-लालसा वाले किसान के रूप में देखा जो रूस और राजशाही को बर्बाद कर रहे थे।
यह मदद नहीं करता था कि रासपुतिन राजनीतिक उपकार करने के बदले उच्च समाज की महिलाओं के साथ यौन संबंध बना रहे थे, न ही रूस में कई लोग मानते थे कि रासपुतिन और कजिनिना प्रेमी थे और जर्मनों के साथ एक अलग शांति बनाना चाहते थे;प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूस और जर्मनी दुश्मन थे ।
बहुत से लोग रासपुतिन से छुटकारा पाना चाहते थे। शाही जोड़े को उस खतरे के बारे में बताने की कोशिश की जा रही थी, जिसमें प्रभावशाली लोगों ने निकोलस और एलेक्जेंड्रा दोनों को रासपुतिन की सच्चाई और घूम रही अफवाहों के बारे में बताया। हर किसी के महान पतन के लिए, उन्होंने दोनों को सुनने से इनकार कर दिया। तो राजशाही पूरी तरह से नष्ट होने से पहले रासपुतिन को मारने वाला कौन था?
Czar Nicholas II and Czarina Alexandra with Children |
षड्यंत्र रचकर कर दी गई हत्या!
रासपुतिन का प्रभाव राजपरिवार में बढ़ता ही जा रहा था. कोई भी फैसला उनकी रजामंदी के बिना नहीं होता था. यह बात उन लोगों को खटक रही थी जो किसी भी हाल में राजगद्दी को पाना चाहते थे.
इसमें सबसे ऊपर नाम था निकोलस के भतीजे राजकुमार फेलिक्स यूसुपोव का. एलेक्जेंड्रा ने रासपुतिन से परामर्श के बाद कुछ मंत्रियों को खेमे से बाहर कर दिया था.उन्हें शक था कि वे सत्ता परिवर्तन की कोशिश कर सकते हैं. इस निर्णय के बाद से रासपुतिन और एलेक्जेंड्रा राजपरिवार की आंखों में खटकने लगे.
जब रुस विश्वयुद्ध में हारने लगा तो कहा जाने
लगा कि रास्पुतिन के कहने पर ये सब हो रहा है। शाही घराना एक सनकी के कहने पर चल रहा
है। ये भी खबर उड़ने लगी कि रास्पुतिन और रानी जर्मनी के एजेंट हैं। बस यहीं से रास्पुतिन
के अंत की शुरुआत हुई।
Romanov Family--Czar Nicholas II and Czarina Alexandra |
जहर, गोली कुछ नहीं मार सका उसे, फिर उठकर खड़ा हो गया
फेलिक्स यूसुपोव ने रासपुतिन को रास्ते से हटाने की योजना बनाई! उसने रासपुतिन को अपने साथ रात्रीभोज के लिए आमंत्रित किया और उन्हें वाइन के गिलास में साइनाइड मिलाकर दे दिया!
रासपुतिन ने जैसे ही गिलास होंठो से लगाया उन्हें आभास हुआ कि कहीं कुछ तो गलत है. वाइन का एक घूंट गले से उतरा ही था कि रासपुतिन ने उसे बाहर निकाल दिया…
राजकुमार की यह चाल नाकाम हो गई. रासपुतिन वहां से उठकर जाने लगे कि तभी राजकुमार यूसुपोव ने अपनी बंदूक निकाली और ग्रिगोरी पर पीछे से हमला किया!
The Cellar of Felix Yusupov's Estate ,where Murder of Grigory Rasutin started |
यह आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला था, लेकिन जहर खाने के बाद, तीन बार गोली मार दी, और डंबल से पीटा, रासपुतिन अभी भी जीवित था। उन्होंने उसके हाथ और पैर रस्सी से बांध दिए और उसके शरीर को एक भारी कपड़े में लपेट दिया।
पर कत्ल करने वाले हैरान रह गए क्योंकि जहर
का उस पर कोई असर नहीं हुआ था। युसुपोव ने गुस्से में पिस्तौल निकाल ली और रास्पुतिन
के पेट में गोलियां दाग दीं वो खून से लथपथ होकर गिर पड़ा, पर पता नहीं कैसे फिर खड़ा
हो गया और राजकुमार को पकड़ लिया। युसुपोव ने दो गोलियां और मारीं उसके बाद उसे बेरहमी
से पीटा गया और कपड़े मे लपेट के बर्फीली नदी में फेंक दिया गया।
Wounded Rasputin |
ये बात 30 दिसंबर 1916 की है। सेंट पीटर्सबर्ग नदी के बर्फीले पानी से एक जोगी की लाश निकाली गई, पता चला कि वो रास्पुतिन था। सब तब हैरान रह गए जब पता चला कि उसकी मौत जहर और गोलियों से नहीं बल्कि पानी में डूबने से हुई थी।
हालांकि रज़पुतिन के सीज़र और सिज़ेरिना के साथ संबंध ने राजशाही को कमजोर कर दिया था, लेकिन रस्सुटिन की मौत क्षति को उलटने के लिए बहुत देर से हुई। यदि कुछ भी हो, तो कुलीनों द्वारा एक किसान की हत्या ने रूसी राजशाही के भाग्य को सील कर दिया। तीन महीनों के भीतर, Czar निकोलस ने त्याग कर दिया और लगभग एक साल बाद पूरे रोमानोव परिवार की भी हत्या कर दी गई ।
इसके बाद लोगों में और खौफ बन गया कि कहीं
रास्पुतिन की आत्मा तबाही ना मचा दे। हुआ भी कुछ ऐसा ही। माना जाता है कि मौत के बाद
भी रास्पुतिन के श्राप ने राजा जार की नस्ल ही खत्म कर दी। उसके मरने के एक साल बाद
ही रूस में अक्टूबर क्रांति हुई और लेनिन ने कम्युनिज्म लाकर राजा जार और उनके पूरे
परिवार को उसी के महल में मौत के घाट उतार दिया।
The supposed site of Rasputin's grave, where Alexandra burried him |
फिल्मों में जीवित या मृत व्यक्ति वाला डिस्क्लेमर रास्पुतिन से ही आया था
रास्पुतिन के साथ एक अनोखी बात जुड़ी है. हर फिल्म की शुरूआत या अंत में आता है कि ये फिक्शन का काम है. किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति के साथ कोई भी साम्य महज एक संयोग है. ये कहां से आया था?
हुआ ये था कि
1933 में MGM प्रोडक्शन ने रास्पुतिन पर एक बॉयपिक बनाई. इसमें युसुपोव की पत्नी आइरिन का जिक्र था. पर ये दिखाया गया कि रास्पुतिन ने आइरिन का रेप किया है.
तब तक युसुपोव पेरिस भाग गया था. पैसे की तंगी थी. उसने दावा ठोंक दिया कि गलत चीजें दिखाई गई हैं. साथ ही ये भी कहा कि कत्ल ऐसे नहीं हुआ था. उसे तो पता था ही कि कैसे कत्ल हुआ था. पर कोर्ट ने पैसे दिलाये आइरिन को क्योंकि उसने भी दावा ठोंका था. फिर फिल्म को हटा लिया गया. उसके बाद से ही हर फिल्म में एक डिस्क्लेमर आने लगा कि ये प्योर फिक्शन वर्क है.
रास्पुतिन के बारे में पता चला कई डायरियों से. कई तरह की चीजें निकल के सामने आईं, जो सच भी हो सकती हैं और अफवाह भी-
1. रास्पुतिन के बारे में तीन चीजें लिखी रहती थीं- बहुत ज्यादा चढ़ा ली है, पीकर मर गया है, शराब अब इसके लिए कुछ नहीं है.
2. रास्पुतिन सोता नहीं था.
3. उसका बाथरूम बहुत बड़ा था. जब नहाता उसमें, वो कई लड़कियों के साथ नहाता. अपने जेनिटल्स पर उनसे साबुन लगवाता. उन लड़कियों को वो लिटिल लेडीज कहता था. फिर वो शैतान को निकालने चर्च चला जाता.
4. शाम को 12 बोतल चढ़ा लेने के बाद सिस्टर मारिया के साथ वापस आ जाता. मारिया उसे पता नहीं क्या-क्या समझाती. उसके बाद वो एक राजकुमारी आइरिना के साथ चला जाता. आइरिना को वो बड़ा बेसब्री से इंतजार करता. और इसी चक्कर में मारा गया था. क्योंकि उसे बुलाना आसान हो गया था.
5.अपने फीमेल फॉलोवर्स से कहता कि मैं आपका कुछ करता नहीं हूं. बस आपको पवित्र करता हूं. पर साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान नहीं रखता था. इतना कि छह-छह महीने अंडरवियर नहीं बदलता था. लोग कहते कि वो बकरी की तरह महकता था.
Rasputin--The Mystic Mad Monk |
6. आइरिना के चक्कर में ही मारा गया रास्पुतिन. सबको पता था कि उसके साथ सेक्स को वो रोक नहीं पाएगा. नहीं तो वो इतनी सिक्योरिटी में रहता था कि उसे मारना संभव नहीं था. सेक्स के लिए ही वो रुका रहा. और जान चली गई.
The End
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