Colors of Rainbow: Blogs of Engr Maqbool Akram
Thursday, 28 April 2022
हसरत मोहानी: बेड़ियों में कैद मोहानी ने अलीगढ़ से नैनी जेल जाने के दौरान ट्रेन में ही ‘चुपके-चुपके रात-दिन आंसू बहाना याद है’ग़ज़ल लिखी. जिसने दिया ‘इंकलाब जिंदाबाद का नारा और मांगी मुकम्मल आजादी.
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बहुत सारे हिंदुस्तानी शायर ऐसे हुए हैं , जिनकी क़लम ने अपनी ताकत पर भारतीयों को अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए उत्साहि...
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