Colors of Rainbow: Blogs of Engr Maqbool Akram
Monday, 8 March 2021
मैंनू लै चले बाबुला लै चले वे: विभाजन की पीडा की एक कहानी (ख़दीजा मस्तूर)
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पतली - सी नाली में पानी की धार रेंग रही थी और साबुन का फूला - फूला झाग पानी पर गिलाफ की तरह चढ़ा हुआ मालूम हो रहा था...
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