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Saturday, 4 November 2023

कार्ल मार्क्स:क्रांति के मसीहा के जीवन का राज़- नौकरानी हेलन देमुथ & बेटा फ्रेडी उर्फ हेनरी डेमुथ

कार्ल मार्क्स का जन्म मई 5, 1818 को हुआ था। मार्क्स को वामपंथ का मसीहा माना जाता है।


 दास कैपिटलके लेखक कार्ल मार्क्स को लोग मुक्ति का मसीहा मानते हैं, खासतौर से उनके अनुयायी।

पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मसीहा भी आखिरकार इंसान ही होता है। देवत्व का आरोपण किसी विचारक को प्रश्नातीत बना सकता है, पर क्या भगवान की मानवीय कमज़ोरियों को इतिहास भुला सकता है? शायद नहीं। जितनी बड़ी भगवत्ता होगी उतना ही बड़ा प्रभाव भी होगा।

मार्क्स कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो के रचयिता थे। रूस, चीन, क्यूबा जैसे देशों की क्रांतियां मार्क्स के सिद्धांतों (भले ही न्यूनतम) की रोशनी में पूरी की गईं।

 

दुनिया का सबसे लोकप्रिय नारा- ”मजदूरों एक हो जाओ तुम्हारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है”- ये भी मार्क्स का दिया हुआ है। पर क्या मार्क्स का होना इसी के इर्द-गिर्द था? मार्क्स का जन्मस्थान और उनके विकास को देखने के बाद तो यही लगा कि बिल्कुल नहीं।

 

मार्क् का अवैध संबंध और बेटा फ्रेडी उर्फ हेनरी फ्रिडरिश डेमुथ

फ्रेडी उर्फ हेनरी फ्रिडरिश डेमुथ को कितने लोग जानते हैं? इस शख्स का नाम मार्क्सवादी बैठकखानों में भी कम ही लिया जाता है। जो जानते भी हैं वे इस पर मौन रखते हैं या फिर इसकी चर्चा कम करते हैं। इतिहास के अंधेरे में विलीन डेमुथ वो नाम है जिसे मार्क्स की अवैध संतान कहा जाता है।

Helena Demuth (1820-1890)

कार्ल मार्क्स की उनकी नौकरानी हेलन के साथ अवैध यौन संबंध थे

और उसी से पैदा हुआ था डेमुथ, हालांकि मार्क्स ने इस बात को स्वीकार कभी नहीं किया। माना जाता है कि एंगेल्स को भी मार्क्स के इस प्रेम संबंध के बारे में पता था लेकिन मार्क्स की प्रतिष्ठा और कम्युनिस्ट आंदोलन के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एंगेल्स इस मसले पर अंतिम दम तक चुप्पी बरकरार रखी।

 

हेलन मार्क्स की घरेलू नौकरानी थी लेकिन उसका काम मालकिन जैसा था।

वह मार्क्स के बेटे-बेटियों और नाती-पोतों (मार्क्स की बेटियों जेनी और लॉरा के बच्चों) को संभालती थी और घर का हिसाब किताब भी रखती थी। वह मार्क्स के ससुराल से आई थी- बहुत खूबसूरत तो नहीं लेकिन आकर्षक जरूर थी।

जो विवरण मिलता है उसके मुताबिक वह पढ़ी-लिखी और विनोदी स्वभाव की थी। लोग उसे निमी कहकर भी बुलाते थे। शायद मार्क्स को उसका मज़ाकिया लहजा ही सबसे ज्यादा पसंद आता था। हमेशा किताब और पढ़ाई-लिखाई में डूबे रहने वाले मार्क्स के लिए हेलन उदासीन दिनचर्या में एक बदलाव की तरह थी।

 

मार्क्स के सास-ससुर ने हेलन को जेनी की देखभाल के लिए उसके साथ भेजा था। जब वह छोटी थी तब जेनी के घर में नौकरानी बनकर आई और जीवन भर उसके साथ रही।

 

1840 में जब मार्क्स ब्रसेल्स में थे तब वह भी मार्क्स परिवार की देखभाल के लिए ब्रसेल्स गई थी। इसके बाद आखिरी सांस तक साये की तरह मार्क्स के साथ ही रही। मार्क्स की मौत हो गई तो वो रहने के लिए एंगेल्स के घर गई जहां वो आखिरी वक्त तक रही।

Jenny Von westphalen (1814-1842) Wife of Karl Marx

सत्तर साल की उम्र में जब वह मर रही थी तब मार्क्स से पैदा हुआ उसका बेटा फ्रेडी करीब 40 का हो रहा था। यानी हेलन 30 की रही होगी जब मार्क्स और उसके बीच प्रेम संबंध बने थे।

 

यह पता नहीं चल सका है कि हेलन ने फ्रेडी को उसके बाप के बारे में बताया था या नहीं लेकिन कहा जाता है कि फ्रेडी अपने पिता के बारे में किसी से बात करना पसंद नहीं करता था। उसके जन्म प्रमाण पत्र में भी पिता का नाम नहीं लिखा गया था। फ्रेडी की मुसीबतों का सिलसिला जन्म के बाद से ही शुरू हो गया था।

 

पैदा होने के बाद से ही उसे मां से अलग कर दिया गया था क्योंकि मार्क्स नहीं चाहते थे कि कुंवारी नौकरानी के बेटे की परवरिश उनके घर में हो। दूसरा मामला आर्थिक कठिनाई का था। मार्क्स खुद अपने खर्चे-पानी के लिए एंगेल्स पर निर्भर थे, ऐसे में एक और बच्चे का लालन-पालन उनके वश में कतई नहीं था।

Jenny Caroline & Lura Marx (Daughtrs of Karl Marks)

यहां पर सवाल उठना स्वाभाविक है कि हेलन ने आखिर क्यों अपनी ममता की कीमत पर मार्क्स परिवार को तवज्जो दी? क्यों उसने मां के बजाय नौकरानी बनकर जीना उचित समझा? कहते हैं मार्क्स परिवार हेलन जैसी वफादार नौकरानी को नहीं खोना चाहता था और हेलन मार्क्स परिवार के घर से मिल रही आजीविका को। आज जबकि मार्क्स हैं, हेलन और फ्रेडी, यह समझना आसान लगता है कि मार्क्स के घर में हेलन के बने रहने की वजह सिर्फ वफादारी नहीं बल्कि उसका समर्पण भी था (मार्क्स के प्रति?)

 

फ्रेडी को जन्म के बाद पालन-पोषण के लिए दूसरों के दे दिया गया था लेकिन मार्क्स के घर उसका आना-जाना बना रहता था। कहते हैं मार्क्स के घर में जब भी फ्रेडी आता था उसे पिछले दरवाजे से ही घर के भीतर जाने की इजाज़त थी। वह सामने वाले दरवाज़े से नहीं जा सकता था।

 

मार्क्स की बेटियों से फ्रेडी का दोस्ताना था।

सबसे छोटी बेटी एलिनॉर तो खासतौर से उसे लेकर चिंतित रहती थी। इस बारे में वह अपनी बहनों से जब-तब पत्र व्यवहार भी किया करती थी।

 

एक बार उसने 1892 में लॉरा (मार्क्स की दूसरी बेटी) को लिखा था, “हो सकता है मैं बहुत भावुक होऊं लेकिन मैं यह कहने से खुद को नहीं रोक सकती कि फ्रेडी के साथ बहुत अन्याय हुआ है।

Frederick Demuth (1851-1929) Karl Marx Illegitimate  Son

यही अन्याय वो शब्द है जिसके आधार पर कहा जाता है कि एलिनॉर को इस बात की जानकारी थी कि फ्रेडी के पिता कार्ल मार्क्स ही थे। यह दावा इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि एलिनॉर ही एंगेल्स की मौत के वक्त मौजूद थी।

Elanor Marks (1855- 1898) Karl Marx youngest Daughter

मौत से पहले एंगेल्स ने कागज़ के एक टुकड़े पर लिखकर बताया था कि मार्क्स ही फ्रेडी के पिता थे, हालांकि इस बारे में पुख्ता सबूत आज तक नहीं मिले हैं। कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि इससे संबंधित सभी सबूत एंगेल्स ने नष्ट कर दिए थे।

 

इस दावे में दम लगता है क्योंकि ऐतिहासिक महत्व की छोटी-छोटी बात को सहेजकर रखने वाले एंगेल्स ने इतनी बड़ी बात की उपेक्षा कैसे कर दी, यह समझ नहीं आता। कहा तो ये भी जाता है कि एंगेल्स ने मरने से पहले यह रहस्योद्घाटन इसलिए किया ताकि फ्रेडी के मामले में उनका दामन साफ रहे। कम से कम उन्हें फ्रेडी का पिता समझा जाय।

Friedrich Engels (Karl Marx's closest Friend)

मार्क्स का रवैया सिर्फ फ्रेडी के प्रति ही अन्यायकारी नहीं था। वे अपनी बेटियों के प्रति भी उदार नहीं थे- एक हद तक मर्दवादी सोच से ग्रस्त।

बेटियों के जन्म की सूचना मार्क्स ने एंगेल्स को जिन शब्दों में दी है उससे साबित होता है कि मार्क्स का मन लड़के और लड़कियों में विभेद करता था। तीसरी संतान के जन्म के समय मार्क्स ने एंगेल्स को लिखा, “अफसोस, मेरी पत्नी ने एक बार फिर बच्चे के बजाय बच्ची को जन्म दिया है। और इस पर भी अफसोस की बात ये है कि वो बहुत कमज़ोर है।

Jenny Laura Marx'  Second Daughter (1845-1911)

मार्क्स की सबसे छोटी बेटी एलिनॉर का प्रेम संबंध भी मार्क्स की अकड़ की भेंट चढ़ गया था।

मार्क्स को अपनी बेटी का प्रेम संबंध मंजूर नहीं था। वह एक फ्रांसीसी इतिहासकार ओलिवियर लिसागारे (पेरिस कम्यून का इतिहासकार) से शादी करना चाहती थी।

 

दस साल तक ओलिवियर का उसके साथ प्रेम संबंध भी चला लेकिन मार्क्स इसके खिलाफ थे। आखिरकार, एलिनॉर मार्क्स की इच्छा के आगे झुक गई और उसने अपने संबंध खत्म कर लिए। इसके बाद वह ब्रिटेन के मजदूर आंदोलन में काम करने वाले एडवर्ग एवेलिंग के संपर्क में आई। बीमारी, प्रेम विच्छेद और हताशा से आजिज़ आकर 1898 में उसने आत्महत्या कर ली। क्या एलिनॉर जिंदा रहती अगर वह अपने मन से शादी कर पाती?

Karl Marx's Family with Friedrich Engels

हेलन ने अपनी जीवन यात्रा जेनी (मार्क्स की पत्नी) के घर से शुरू की थी और समाप्ति एंगेल्स (मार्क्स के दोस्त) के घर पर हुई। दोनों के बीच उसे मार्क्स मिले थे, और मिली थी मार्क्स की प्रेम निशानी।

 

मरने के बाद हेलन ने अपनी कुल संपत्ति (महज 95 पाउंड) फ्रेडी के लिए रख छोड़ी थी।

मार्क्स से दो साल छोटी हेलन जब मर रही थी तब उसके पास कुछ नहीं था सिवाय एक तमन्ना के, और वो ये कि मरने के बाद उसे मार्क्स के बगल में दफनाया जाए। मार्क्स के प्रिय मित्र एंगेल्स ने उसकी इस आखिरी ख्वाहिश को पूरा किया।

The End