Liril Girl: क्या आपको आज भी याद है, 90’s के सुपर हिट ऐड के झरने में नहाती उस लिरिल गर्ल की अदाएं,
आज हम टीवी पर कोई शो देखते रहते हैं और जैसे ही विज्ञापन आता है, हम फट से रिमोट उठाकर चैनल बदल डालते हैं। लेकिन एक दौर ऐसा था जब लोग टीवी विज्ञापन बेहद रुचि के साथ देखते थे।
उस समय के विज्ञापन बेहद क्रिएटिव हुआ करते थे। और टीवी चैनल्स भी बेहद कम हुआ करते थे तो लोगों के पास चैनल बदलने के ऑप्शन नही होते थे।
90's Liril ads: 1970 के दशक में साबुन का विज्ञापन आया, जिसे देखने के लिए सिनेमाहॉल में दर्शक इंटरवल के वक़्त भी अपनी कुर्सियों से चिपके रहते।
उस दशक में हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी अपना नया साबुन लांच करने जा रही थी। वे भारत में पहली दफा फ्रेशनेस वाला लाइम सोप प्रस्तुत करने जा रहे थे। ऐसे में वे इस मौके को अच्छे से भुनाना चाहते थे। उन्होंने विज्ञापन बनाने के लिए नामी कंपनी लिंटास से संपर्क किया।
उस वक़्त लिंटास की फ़िल्म चीफ मुबी इस्माइल थी जिन्होंने शूटिंग का सारा जिम्मा एक टीम को सौंपा जिसके अगुवाई थे कैलाश सुरेंद्रनाथ।
बात 70 के दशक की है. सपनों की नगरी मुंबई में रिमझिम बारिश हो रही थी. मशहूर विज्ञापन निर्माता कैलाश सुरेंद्रनाथ मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज जा रहे थे। इस दौरान उन्हें रास्ते में एक महिला मिलीं, जो टैक्सी का इंतज़ार कर रही थीं. दरअसल, इस महिला को मशहूर एडवरटाइजिंग एजेंसी ‘लिंटास‘ में जाना था, जो नरीमन पॉइंट के एक्सप्रेस टावर्स में थी।
Kailash Surendra Nath |
इतने में कैलाश ने महिला को लिफ्ट ऑफर की और वो कार में बैठ गईं। इस दौरान दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और महिला ने कैलाश से उनका पेशा तो बताया बताया कि वो विज्ञापन बनाते हैं, लेकिन उनका करियर बस शुरू ही हुआ है। महिला के कहने पर कैलाश ने उन्हें अपना पोर्टफ़ोलियो दिखाया जो महिला को काफ़ी पसंद आया.
Karen Lunel--Ad of Liril Soap |
वह महिला थीं लिंटास की फिल्म चीफ मुबी इस्माइल। इस इत्तफाकन मुलाकात ने दुनिया को ऐसा ऐड दिया, जिसे आज भी विज्ञापन जगत में शाहकार माना जाता है। दरअसल, उन दिनों HUL यानी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड अपना फ्रेशनेस सोप लॉन्च कर रहा था, लिरिल।
अपनी शुरुआती चर्चा में सुरेंद्रनाथ की टीम ने तय किया कि लड़कियों के एक ग्रुप के साथ ऐड शूट करेंगे, किसी समुद्र की लोकेशन पर। सुरेंद्रनाथ ने जुहू बीच पर करीब 20-30 लड़कियों का स्क्रीन टेस्ट लिया, जो लहरों से अठखेलियां कर रही थीं। हालांकि, इस शूट से सुरेंद्रनाथ कुछ ख़ास संतुष्ट नहीं हुए।
फिर एक दिन बॉम्बे के यूएस क्लब में सुरेंद्रनाथ की मुलाकात 18 साल की करेन लुनेल से हुई।
लुनेल की शख़्सियत में अजीब से कसक थी, किसी को भी अपनी ओर खींच लेने वाली। वह खूबसूरती और चंचलता का बेजोड़ मेल थीं। इसी खूबी ने उन्हें जूस ब्रैंड 'डिपीज' का ऐड दिलाया। उसमें लुनेल बिकीनी में थीं।
लुनेल को देखते ही सुरेंद्रनाथ को लगा कि वह लिरिल ऐड के लिए ही बनी हैं।
वह बताते हैं, 'हमारी टीम ने फैसला किया कि ऐड में लड़कियों की भीड़ नहीं दिखाई जाएगी। सिर्फ एक लड़की रहेगी और ऐड को किसी समुद्र के बजाय झरने के पास फिल्माया जाएगा, क्योंकि समुद्र का पानी ताज़ा नहीं होता।'
Alyque Padamsee |
लेकिन लोकेशन चुनना इतना आसान भी नहीं था। इसके लिए सुरेंद्रनाथ 10 दिन तक पूरे देश में घूमे। जिस भी अच्छी लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती, वहां वह पहुंच जाते। कई झरनों को अपने सुपर 8 एमएम कैमरे में कैद किया।
जब वह तमिलनाडु पहुंचे, तो वहां कोडैकानल के रास्ते में एक झरना था, सड़क से काफी दूर। सुरेंद्रनाथ को वह लोकेशन काफी पसंद आई। वहां हरियाली थी, झरना था, चट्टानें थीं, हर एक चीज़ आंखों को सुकून देने वाली। लेकिन उस जगह ऐड फिल्माने में एक दिक्कत थी।
Shooting of Liril Soap Ad |
वह झरना सिर्फ दिसंबर और जनवरी में भरा मिलता। उस दौरान तापमान भी काफी कम रहता, तकरीबन तीन या चार डिग्री सेल्सियस के आसपास। सूरज भी दिन में बमुश्किल दो-तीन घंटे ही निकलता। साथ ही वहां शूटिंग का साजोसमान लाना भी एक मसला था।
इन सबके बावजूद सुरेंद्रनाथ ने तय किया कि लिरिल के विज्ञापन की शूटिंग 'टाइगर फॉल्स' पर ही होगी। इस लोकेशन के लिए मुबी ने भी हामी भर दी। फिर झरने और स्क्रीन टेस्ट की फुटेज को क्लाइंट के सामने पेश करने के लिए सुपरइम्पोज किया गया। इसमें वुडहैम का काम भी शामिल था।
ऑडियो विजुअल प्रेजेंटेशन के लिए म्यूजिक ट्रैक तैयार करने की जिम्मेदारी दिवंगत वनराज भाटिया को सौंपी गई। उन्होंने करीब 20 मिनट का म्यूजिक ट्रैक कंपोज किया। बैकग्राउंड म्यूजिक में सितार और तबले की धुन के साथ वेस्टर्न म्यूजिक इस्तेमाल हुआ। ट्रैक को आवाज़ दी प्रीति सागर ने।
उस वक़्त ऐड एजेंसी के सीईओ एलिक पदमसी थे। उन्होंने लिरिल बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के मार्केटिंग हेड शुनू सेन को प्रजेंटेशन दिखाया। एक मिनट के ऐड के लिए 20 मिनट का प्रजेंटेशन था। शुनू को काम पसंद आया और फिर विज्ञापन की शूटिंग कन्फर्म हो गई।
Liril Soap--Ad |
फिर सुरेंद्रनाथ ने ऐड में लुनेल को बतौर मॉडल लेने की सिफारिश की। उन्होंने मुबी को डिपीज की ऐड फिल्म दिखाई और लुनेल को फौरन फाइनल कर लिया गया।
इसके बाद लुनेल की पूरी ज़िंदगी ही बदल गई। विज्ञापन रिलीज होते ही छा गया। इसकी चर्चा किसी फिल्म की तरह होने लगी।
लोकप्रियता
का
आलम
तो
यूं
समझिए
कि
टाइगर
फॉल्स
का
नाम
लिरिल
फॉल्स
हो
गया।
फिर
लगातार
आठ
साल
तक
इस
ऐड
के
कई
वर्जन
आए।
हालांकि, इस विज्ञापन को फिल्माना कतई आसान नहीं था। शूटिंग के लिए लुनेल को झरने के पीछे जाना पड़ा। वहां उन्हें कई बार सांप दिखा, पर शूटिंग जारी रही। हालांकि, लुनेल के मन में सांप का डर था।
Karen Lunel |
इसलिए वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करतीं कि शॉट एक ही टेक में ओके हो जाए, ताकि उन्हें रीटेक के लिए दोबारा उस जगह न जाना पड़े। तमाम दिक्कतों के बावजूद ऐड टीम ने कभी शूटिंग के लिए सेट बनाने के बारे में नहीं सोचा क्योंकि एक तो वह काफी महंगा पड़ता, दूसरे कुदरती फील भी नहीं आती।
ऐड में लुनेल के एक्सप्रेशन की काफी तारीफ हुई। सुरेंद्रनाथ बताते हैं, 'लुनेल का चेहरा शानदार एक्टिंग तो कर ही रहा था, लेकिन वह ठंड से ठिठुर भी रही थीं। इससे उनका अभिनय बिल्कुल नेचुरल दिखा।'
लुनेल बताती हैं कि कैसे वह विज्ञापन के आते ही रातोंरात स्टार बन गईं। लोग उन्हें देखते ही खुशी से सीटी बजाने और लिरिल ऐड का जिंगल गाने लगते। उन दिनों टीवी घर-घर नहीं पहुंचा था। सिनेमाहॉल ही विज्ञापन देखने का सबसे बड़ा माध्यम था।
लोग इंटरवल में पॉपकॉर्न खरीदने भी नहीं निकलते कि कहीं लिरिल का ऐड मिस न हो जाए। लुनेल कहती हैं कि जब आप बीसेक साल के हों, तो इस तरह की तारीफ कुछ ज़्यादा ही रोमांचित करती है। वह फीलिंग शब्दों में नहीं बयान होती।
लुनेल कहती हैं, 'मैं जैसी हूं, ऐड में भी वैसी ही दिखने की कोशिश की। इसीलिए ऐड में ताज़गी और अपील दिखी और लोगों ने उसे इतना पसंद किया गया।' लिरिल सोप के विज्ञापन में लुनेल ने हरे रंग की बिकनी पहन रखी थी।
उस बिकनी को अपना लॉन्चिग पैड बताती हैं लुनेल। लिरिल ऐड के बाद वह काफी मशहूर हो गईं। उन्हें फिल्मों के भी ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई। वह एयर लाइन जॉइन करके दुनिया देखना चाहती थीं।
वह
कई
बार
एयरक्रॉफ्ट
के
दरवाज़े
पर
खड़ी
होकर
यात्रियों
का
अभिवादन
भी
करतीं।
लोग
हैरानी
से
उनकी
तरफ
दोबारा
मुड़कर
देखते।
अपने
सहयात्रियों से कन्फर्म
भी
करते
कि
यह
लुनेल
ही
हैं
न,
लिरिल
गर्ल।
इस हैरानी की वजह भी बड़ी दिलचस्प है। 1976 के करीब लुनेल की मौत की अफवाह फैल गई। लिरिल ऐड के बाद लोगों को उम्मीद थी कि वह और भी विज्ञापनों में नज़र आएंगी, शायद फिल्में भी करें। लेकिन जब लुनेल लाइमलाइट में नहीं दिखीं, तो उनके मरने की अफवाह फैल गई।
वह कहती हैं, 'मुझे कहने में कोई हिचक नहीं कि उन अफवाहों ने मुझे बहुत परेशान किया। मुझे हर वक़्त यही लगता कि मेरे साथ कुछ ग़लत होने वाला है।'
फिर 1980 में लुनेल का कार एक्सीडेंट हो गया। उनके सिर में गंभीर चोट आई, चेहरे पर टांके भी लगे। इमरजेंसी वार्ड में लेटे-लेटे उन्हें लगता कि शायद उनके मरने की अफवाहें अब सच हो जाएंगी। लेकिन वह जल्दी ही रिकवर हो गईं।
लुनेल अब करेन लुनेल हीशी बन गई हैं। वह न्यूज़ीलैंड में स्कूल टीचर हैं।
वह ख़ुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि उन्हें ऐड एजेंसी के दिग्गजों के साथ काम करने का मौका मिला। लिरिल गर्ल कहती हैं, 'अगर मुझे दोबारा वही सब करने का मौका मिले, तो मैं किसी भी चीज़ को नहीं बदलूंगी। वह सब है ही इतना खूबसूरत
Karen Lunel remained the face of Liril for over a
decade – from 1974 to 1985, the longest for any Liril girl.
Karen Lunel recalled in 2009, how Padamsee would pum her up before shoots. She said: “Alyque Padamsee would make time to build me up before we left on a shoot. It brought out the best, just knowing you are valued. “
He had told : “That gave me the idea that we could create a fantasy where she could escape to emotionally when she was having a bath. As a young boy, I loved watching Tarzan films and his girlfriend Jane always used to have a bath under a waterfall and come out looking so fresh. I said why don’t we adopt that idea because we were looking to market Liril from the freshness platform. Most of the soaps of the time focused on complexion, getting rid of pimples and so on. We wanted to talk about a bathing experience that creates a fresh new woman out of you. That’s when we decided on the girl under the waterfall concept.”
Quite drunk
Interestingly, they had to give Karen sips of brandy in between shots to keep her warm. He said:
“What (producer) Kailash Surendra Nath did was to give Karen sips of brandy in between the shots to keep her warm. Every five seconds, we would pull her out and give her some brandy and put her back in. By the time we were five or six shots down, Karen was quite drunk, and we had to be careful that she didn’t drown! That was quite an experience.”
The END
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