Colors of Rainbow: Blogs of Engr Maqbool Akram
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सआदत हसन मंटो की एक लघु कथा—“अब और कहने कि ज़रुरत नहीं”
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सआदत हसन मंटो की एक लघु कथा—“अब और कहने कि ज़रुरत नहीं”
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Saturday, 12 October 2019
सआदत हसन मंटो की एक लघु कथा—“अब और कहने कि ज़रुरत नहीं”
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ये दुनिया भी अजीब - ओ - ग़रीब है ख़ासकर आज का ज़माना क़ानून को जिस तरह फ़रेब दिया जाता है , इस के मुताल्लिक़ शायद आप को ज़्य...
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