नाच पार्टी के बाद. वन नाइट लव स्टोरी (रूसी कहानी हिंदी में) लियो टॉल्स्टॉय
"आपका कहना है कि मनुष्य अपने आप तो भले-बुरे को नहीं समझ सकता, सब कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करता है, मनुष्य परिस्थितियों की उपज होता है। मैं यह नहीं मानता। ...
"आपका कहना है कि मनुष्य अपने आप तो भले-बुरे को नहीं समझ सकता, सब कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करता है, मनुष्य परिस्थितियों की उपज होता है। मैं यह नहीं मानता। ...
26 दिसंबर, 1994 की सुबह परवीन शाकिर ने अपने बेटे मुराद के साथ नाश्ता किया और ऑफिस के लिए निकल पड़ीं । घर के पास ही फैज़ल चौराहे पर उनकी ...
न गुले-नग़्म हूं, न परद-ए-साज मैं हूं अपनी शिकस्त की आवाज़। जैसे ही मोबाइल का डाटा ऑन किया, खट्,खट् कर कई मैसेज दस्तक देते चले आये। इतनी तेजी से ...