17 नवम्बर 1558 की सुबह. एलिज़ाबेथ हैटफील्ड के अपने घर के बाहर गार्डन में बैठी थी. एक घुड़सवार आया. उसके घर के आगे रुक गया. लोग उसे देख दौड़े-दौड़े आ गए.
घुड़सवार उतरा, कमर से झुका. और जोर से चिल्लाया,
'लॉन्ग लिव द क्वीन'
उसके पीछे के लोग भी झुक गये.
मैरी की मौत हो चुकी थी. इंग्लैंड में एक नया युग शुरू हो गया था.
एलिज़ाबेथ- तीन साल की उम्र में जिसे नाजायज़ घोषित किया गया वो 25 साल की उम्र में रानी बन गई.
एलिजाबेथ प्रथम इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थी। जिनका शासनकाल 17 नवंबर
1558 से उनकी मौत तक चला। यह ब्रिटेन के ट्यूडर राजवंश की पांचवी और आखरी सम्राट थी ।इन्होंने कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें
"कुंवारी रानी"
के नाम से भी जाना जाता था। यह ब्रिटेन के सम्राट हेनरी अष्टम की बेटी होने के नाते एक राजकुमारी थी।
Old Palace of Hatfield house |
लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता ऐन बोलिन को मार दिया गया और इन्हे नाजायज घोषित कर दिया गया। 1553
तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड 6 के शासनकाल के बाद इनकी बहन मैरी 1 ने शासन संभाला। मैरी के संतानरहित होने के बाद एलीजाबेथ ने 17 नवंबर
1558 को ब्रिटेन सिंहासन की बागडोर संभाली।
मैरी की मौत के बाद रानी बनी एलिज़ाबेथ.
वही एलिज़ाबेथ प्रथम जिनके बारे में ये तक कह दिया गया था कि असली एलिज़ाबेथ बचपन में मर गई थी. कहा गया था कि उसकी जगह लाल बालों वाला लड़का एलिज़ाबेथ बनाकर भेज दिया गया था. वही एलिज़ाबेथ प्रथम जिसने शेक्सपियर को नाटक और गाने लिखने का प्लेटफॉर्म दिया. वही एलिज़ाबेथ प्रथम जिसने उम्र भर शादी नहीं की
इंग्लैंड का दरबार. शाही तख़्त खाली है. अफसरों और मिनिस्टरों का झुंड इकट्ठा है. हंगामा हो रहा है.
दरवाज़ा खुलता है. कमरे में सन्नाटा छा जाता है. एलिज़ाबेथ तख़्त तक पहुंचती है. पलटती है. सामने मौजूद लोग झुक जाते हैं. रानी का चेहरा झक सफ़ेद है.
एलिज़ाबेथ का हाथ उठता है. सब शांत हो जाते हैं. कमरे में चुप्पी. हवा की सरसराहट. वो सबकी तरफ देखती हैं. होठों पर शांत मुस्कुराहट. सबकी नज़र रानी पर है. एलिज़ाबेथ सन्नाटा तोड़ती है.
कहती है,
'देखिए, मैंने इंग्लैंड से शादी कर ली है'
जो खड़ी थी, वो रानी एलिज़ाबेथ थी. जो तख़्त पर बैठी, वो देवी हो गई. वर्जिन मैरी जैसी. वो जिसे लोग पूजते थे. वो जिसे लोग आंखें उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करते थे. वो, जिसके राज को इंग्लैंड का सुनहरा काल कहा गया.
एलिज़ाबेथ- तीन साल की उम्र में जिसे नाजायज़ घोषित किया गया वो 25 साल की उम्र में रानी बन गई.
इंग्लैंड के राजा हेनरी 8th यानी हेनरी अष्टम की नज़र एन बोलेन पर जब पड़ी, तो उन्हें वो इतनी पसंद आ गई कि अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर एन से झटपट शादी कर ली. सिर्फ यही नहीं. पहली पत्नी को छोड़ पाने के लिए पूरे देश का धर्म ही बदल दिया.
King Henry VIII Of England |
कैथलिक धर्म में इजाज़त नहीं होती तलाक की. तो पूरे देश को प्रोटस्टेंट घोषित कर दिया. हेनरी को पूरा भरोसा था कि एन उनको बेटा देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पैदा हो गई एलिज़ाबेथ. हेनरी के सपनों पर पानी फिर गया.
एलिज़ाबेथ के जन्म के लगभग ढाई साल बाद ही एन बोलेन को मौत की सज़ा दे दी गई. कहा गया कि उसके अवैध सम्बन्ध हैं. एलिज़ाबेथ को दूर पढ़ने भेज दिया गया. इस बीच काफी उथल-पुथल हुई इंग्लैण्ड के तख़्त पर. लेकिन एलिज़ाबेथ इन सबसे दूर हैटफील्ड में पली बढ़ी.
हेनरी VIII की छठी रानी कैथरीन पार ने एलिज़ाबेथ को आगे पढ़ाया. लोगों के बीच बोलना सिखाया. मैरी ट्यूडर जब रानी बनी तो उसने इंग्लैंड को दोबारा कैथलिक बनाने की कोशिश की. इस कोशिश में उसने सैकड़ों प्रोटस्टेंट लोगों को मरवा दिया.
यही नहीं, एलिज़ाबेथ को भी नजरबन्द करवा दिया. एलिज़ाबेथ पर आरोप लगा कि वो प्रोटस्टेंट बगावतियों की मदद कर रही है.
एलिज़ाबेथ ने धीरे-धीरे इंग्लैंड को वापस प्रोटस्टेंट रास्तों पर चलवाना शुरू किया. लेकिन जैसे-जैसे साल बीते, संसद ने रानी पर दबाव बनाया कि वो शादी कर लें. आखिर देश की रानी का शादी करना भी तो ज़रूरी था.
और उस समय शादी करना इसलिए भी ज़रूरी था क्योंकि इससे यूरोप की कोई भी एक बड़ी ताकत इंग्लैंड को समर्थन दे देती. शादियां एक बिजनेस अलायंस की तरह हुआ करती थीं. लेकिन एलिज़ाबेथ ने शादी नहीं की.
1566
में जब संसद ने फंड नहीं रिलीज़ किया कि जब तक वो शादी नहीं करेंगी तब तक पैसे रिलीज़ नहीं होंगे, तो एलिज़ाबेथ ने संसद को थर्राते हुए कहा:
'शादी तो तभी करूंगी जब सुभीता होगा. उससे बाहर किसी के मतलब की बात नहीं है ये.'
Procession of Queen Elizabeth I |
संसद चुपचाप मार के बैठ गई. रानी को कौन आदेश देगा.लेकिन एलिज़ाबेथ पर नजर रखी जाती रही. उनके सो कर उठने के बाद उनकी चादरें चेक की जाती थीं. ये देखा जाता था कि उनके पीरियड्स समय पर चल रहे हैं या नहीं.
एलिज़ाबेथ को अपनी खूबसूरती से बहुत लगाव था. इसी के लिए अपने लाल बालों के साथ वो चेहरे पर झक सफ़ेद मेकअप लगवाया करती थीं. वो सफ़ेद मेकअप सीसा और विनेगर मिला कर बनता था. सीसा मतलब लेड. जहरीला होता है. लेकिन उनके इस मेकअप की धूम रही. औरतें अपना चेहरा एलिज़ाबेथ जैसा करने की कोशिश करती थीं.
एलिज़ाबेथ की खूबसूरती उसके तख़्त पर बैठने के क्लेम के लिए एक बेहद ज़रूरी सा फैक्टर मान लिया गया था. शायद अगर वो दिखने में कम सुन्दर होती तो उसका रानी बनना भी लोगों को कम पसंद आता. उस समय ये रानी के लिए ज़रूरी था कि उसकी खूबसूरती की इमेज बनी रहे. इसलिए रानी चटक लाल रंग लगाती थी होंठों पर. इसमें मरकरी होता था. यानी पारा. ये भी ज़हरीला होता है.
इंग्लैंड में एलिज़ाबेथ ने एक नया कल्चर शुरू किया. शेक्सपियर के प्ले वगैरह स्टेज करवाने और लिखने में रानी पूरी तरह से मदद करती थी. और भी कई ट्रूप्स थे जिनको एलिज़ाबेथ ने प्रमोट किया. अधिकतर उनके राज में शांति ही रही.
William Shakespeare |
एलिज़ाबेथ ने 45 सालों तक राज किया. अपने आखिरी पलों में कहते हैं उन्होंने अपने प्रेमी रॉबर्ट डडली का नाम लिया था. उनके एक पैर में दिक्कत आ गई थी, लेकिन डॉक्टर को चीरा नहीं लगाने दिया करती थी. क्योंकि वो नहीं चाहती थीं कि कोई उन्हें ऐसे देखे. उनको लोगों ने हमेशा पूरे मेकअप और विग में ही देखा.
आखिरी सालों में एलिज़ाबेथ के बाल झड़ गए थे, इसलिए वो लाल विग लगाती थीं. झुर्रियां छिपाने के लिए लेड पाउडर और विनेगर का कोट और मोटा लगाया जाने लगा था. मीठा खाने के शौक ने उनके दांत काले कर दिए थे.
उनको बिना मेकअप के देखने की इजाज़त सिर्फ तीन-चार करीबी सहेलियों और नौकरानियों को थी जो उन्हें तैयार करती थीं. इस वजह से भी कई लोगन ने कहा कि रानी लड़की के भेस में लड़का थी. सीसा और पारा रोज़ खुद पर लगाते लगाते रानी की तबियत बिगड़ती चली गई थी.
1603 में रानी की मौत हो गई. एक युग का अंत हो गया.
इंग्लैंड की पहली महिला शासक एलिजाबेथ प्रथम की मां को उनके पति (किंग हेनरी) ने दी थी सजा-ए-मौत
हम याद कह रहे हैं इस शाही खानदान के छह सौ साल पुराने इतिहास को और उस महिला को, जिसका सरेआम सिर कलम करवा दिया गया था.
ब्रिटिश राज की पहली महिला शासिका क्वीन एलिजाबेथ प्रथम की मां ऐन बोलेन्य, जो किंग हेनरी आठवें की दूसरी ब्याहता पत्नी थीं. किंग हेनरी को उस पर एडल्टरी का शक था.
ऐन बोलेन (Anne Boleyn) की दुखद कहानी
ऐन बोलेन्य का जन्म 28 मई,
1533 को इंग्लैंड के नॉरफ्लॉक में हुआ था. ऐन के पिता थॉमस बोलेन्य अपने जमाने के जाने-माने डिप्लोमैट थे और इंग्लैंड के तत्कालीन शासक किंग हेनरी आठवें के बहुत करीबी भी.
Parents of Queen Elizbeth ---King Henry VIII and Anne Boleyn |
थॉमस के मन में ये छिपी हुई इच्छा थी कि किसी तरह ऐन बोलेन्य का विवाह किंग हेनरी के साथ हो जाए. हेनरी पहले से विवाहित थे, लेकिन उनका कोई बेटा नहीं था. राजा को इस बात की फिक्र थी कि उनके बाद राजगद्दी पर कौन बैठेगा.
ऐन बोलेन के बजाय राजा का दिल आ गया उसकी बहन मैरी पर, जो पहले से शादीशुदा थी
जब एक बार किंग हेनरी थॉमस से मिलने उनके स्टेट में आए तो उन्होंने पूरी कोशिश की कि किसी तरह ऐन राजा पर अपना प्रभाव डालने में सफल हो, लेकिन ऐन की बजाय राजा का दिल आ गया उसकी बड़ी बहन मैरी पर, जो पहले से शादीशुदा थी. लेकिन किंग हेनरी तो राजा था और राजा जिस चीज पर हाथ रख दे, वो उसकी हो जाती थी.
जब राजा का मैरी पर दिल आ गया तो उसने उसे अपने महल में बुलवा भेजा. मैरी जाना नहीं चाहती थी, लेकिन उसके पास कोई और विकल्प भी नहीं था. राजा ने महल में मैरी को अपनी मिस्ट्रेस बना लिया.
जब मैरी के गर्भ में किंग हेनरी की पहली संतान थी तो हेनरी को उम्मीद थी कि इस बार जरूर बेटा होगा. मैरी का उस महल में रहना और इज्जत पाना भी इसी बात पर निर्भर करता था कि क्या वो राजवंश को उसका उत्तराधिकारी दे पाती है.
मैरी की संतान लड़की हुई और क्रोधित राजा ने उसे अपने महल से निकालकर वापस उसके पिता के घर भेज दिया. इसकी बाद बारी आई मैरी की बहन ऐन की.
लेकिन ऐन बोलेन ने बिना विवाह के राजा की मिस्ट्रेस बनने से इनकार कर दिया. ऐन ने कहा कि राजा तभी उसे हाथ लगा सकता है, जब वह उससे विवाह कर उसे इंग्लैंड की रानी का दर्जा दे.
किंग हेनरी ने ऐन बोलेन से शादी कर ली. ऐन महारानी तो बन गई, लेकिन वो जानती थी कि इस पद पर बने रहने के लिए राजा को जल्द से जल्द एक बेटा देना कितना जरूरी था. विवाह के कुछ समय बाद ऐन गर्भवती हुई, लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया. ऐन की पहली संतान लड़की हुई.
Anne Boleyn |
पहले से सबको भेजे जाने वाले सूचना पत्र भी लिखवा दिए गए थे, जिसमें प्रिंस के आगमन का शुभ समाचार था. लेकिन लड़की के जन्म के बाद जल्दबाजी में उसे बदलवाकर प्रिंस से प्रिंसेज करवाया गया.
किंग हेनरी और ऐन बोलेन्य की इस पहली संतान का नाम उसकी दादी और नानी दोनों के नाम पर एलिजाबेथ रखा गया, जो आगे चलकर इंग्लैंड की पहली महारानी एलिजाबेथ प्रथम बनी.
जब ऐन राजा को बेटा दे सकने में सफल नहीं हुई तो किंग हेनरी का उससे भी विमोह हो गया.
राजा ने ऐन के महल में जाना बंद कर दिया और ज्यादातर समय वेश्याओं के साथ बिताने लगा. ऐन चूंकि राजा की ब्याहता पत्नी और इंग्लैंड की रानी थी तो वो उसे ऐन की बड़ी बहन मैरी की तरह राजमहल से निकाल नहीं सकता था.
लेकिन इंग्लैंड की उस पहली महारानी की मां की कहानी बहुत त्रासद है. पहली लड़की के जन्म के बाद ऐन एक बार फिर प्रेग्नेंट हुई, लेकिन इस बार वक्त से पहले ही गर्भपात हो गया. हेनरी का मन अब पूरी तरह उचट चुका था.
Anne Boleyn--Mother of Queen Elizabeth I |
वो ऐन को तलाक देकर दूसरी शादी करने का मन बना रहा था. ऐन को अपने सिर पर मंडरा रहे खतरे का पूरा इलहाम था. उसे जल्द से जल्द राजा को एक पुत्र संतान दे देनी चाहिए थी, वरना इस राजमहल में वह ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं थी.
फिर ऐन एक बार और प्रेग्नेंट हुई, लेकिन इस बार फिर वही हुआ. यह प्रेग्नेंसी काफी नाजुक थी.
एक दिन किसी और स्त्री को किंग हेनरी की गोद में बैठा देख ऐन को इतना सदमा पहुंचा कि उस सदमे से उसका गर्भपात हो गया. वह काफी डर गई और उसने इस गर्भपात की बात किसी को बताई नहीं.
ऐन्य बहुत डर गई थी. उसे लगा कि अपनी बहन मैरी की तरह उसका भी अंत उस छोटे से गांव में होगा. वह किसी भी हाल इंग्लैंड की महारानी होने का गौरव छोड़ना नहीं चाहती थी.
ऐन को कुछ भी करके अपने गर्भपात की खबर को छिपाना था.न सिर्फ छिपाना, बल्कि तुरंत ही फिर से गर्भवती हो जाना.
लेकिन ये कैसे हो भला? किंग हेनरी तो यह सोचकर कि ऐन गर्भवती है, उससे शारीरिक रूप से दूर रहता था.
इसलिए ऐन ने किसी और के साथ संभोग के जरिए पुन: गर्भ धारण करने के बारे में सोचा.
ऐन ने ऐसा सिर्फ इस डर से किया क्योंकि एक बार इस गर्भपात की खबर राजा को लग जाती तो लड़का पैदा कर सकने की सारी संभावनाओं का अंत हो जाता. इस संभावना के अंत का मतलब था कि ऐन न हेनरी की पत्नी रहती और न इंग्लैंड की महारानी.
इतिहासकारों ने लिखा है कि ऐन ने बहुत डर, सदमे और बेहोशी की हालत में ऐसा खतरनाक कदम उठाया था. वह जानती थी कि अगर यह खबर लीक हुई या किसी को भी इस बात का पता चला कि कोई और पुरुष महारानी के महल में दाखिल हुआ है तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा.
ऐन ने किसी और बाहरी पुरुष पर भरोसा करने की बजाय इस काम के लिए अपने भाई को ही चुना.
भाई बहुत उलझनों और तकलीफ के बाद आखिरकार सिर्फ अपनी बहन की जिंदगी और उसकी शादी बचाने के लिए इस बात पर राजी हुआ, फिर भी ऐन मौके पर उसने हथियार डाल दिए.
ऐन और उसके भाई के बीच कभी कुछ नहीं हुआ था, लेकिन जासूसों और दुश्मनों से भरे उस महल में ये खबर राजा तक पहुंच गई.
ऐन पर एडल्टरी का मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनाई गई.
ऐन बोलेन ने आजीवन अपने पति किंग हेनरी के अलावा और किसी का स्पर्श नहीं किया था. ऐन ने अपनी शादी और महारानी का पद बचाए रखने के लिए जो योजना बनाई थी, वो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन उसे मौत की सजा जरूर मिली. मरने से पहले किंग हेनरी को लिखे अपने आखिरी खत में ऐन ने लिखा-
“डियर लॉर्ड,
मैं आजीवन आपके प्रति बहुत ईमानदार और समर्पित रही हूं. मैंने आपको इतनी निष्ठा और गहराई से प्रेम किया है, जैसा शायद ही इतिहास में किसी स्त्री ने किया हो.”
17 मई, 1536 को महल के बाहर लोगों की भारी भीड़ के बीच उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया.
ऐन्य बोलेन्य की कहानी ब्रिटिश राजशाही के इतिहास की वह कहानी है, जिसे अब कोई याद नहीं रखना चाहता, लेकिन जो कहानी बार-बार दोहराई जानी चाहिए ताकि इतिहास को हम भूलें नहीं.
Anne Boleyn Lost Her Head |
ऐन बोलेन
की मृत्यु के बाद किंग हेनरी ने चार और औरतों से विवाह किया, जिनमें से एक जेन ने उसे एक बेटे के नायाब तोहफे से भी नवाजा. बेटा एडवर्ड 1547 में इंग्लैंड का राजा बना भी, लेकिन 1533 में महज 16 साल की उम्र में उसकी मृत्यु हो गई.
एलिज़ाबेथ प्रथम पर फिल्में बनीं. टीवी शो बने. कहानियां और कविताएं लिखी गईं. लेकिन इन सबके परे एलिज़ाबेथ वो रानी बन गई, जिसे लेजेंड कहा जायेगा.
वो औरत जिसने दुनिया को जूती की नोक पर रखा. जिसने सरेआम कहा कि उसे अपनी ज़िन्दगी में किसी आदमी की ज़रूरत नहीं. जिसे एक रानी बनने के लिए बीवी बनने की ज़रूरत नहीं.
जिसे
इंग्लैंड को दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक बनाने के लिए किसी दूसरे देश के राजा से शादी करने की ज़रूरत नहीं. जो रानी बनी, अपने देश से प्यार किया, और उसी में मुकम्मल हो गई.
Disclaimer–Blogger
has posted this short history with help of materials and images available on net.
Images on this blog are posted to make the text interesting.The materials and
images are the copy right of original writers. The copyright of these materials
are with the respective owners.Blogger is thankful to original writers.
No comments:
Post a Comment