गृह मंत्रालय के आदेश के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे छात्रों को अपने गृहनगर में स्थानांतरित करने की अनुमति देने के बाद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ इस मामले को उठाया और छात्रों को आसानी से उनके घरों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। मई और जून के लिए
कोई वर्ग, परीक्षा या प्रवेश परीक्षा
भी
निर्धारित नहीं थी ।
नोटिस में आगे कहा गया है: "छात्रों को इस सुविधा का लाभ उठाने की सलाह दी जाती है क्योंकि मई और जून के लिए कोई कक्षा, परीक्षा और प्रवेश परीक्षा निर्धारित नहीं है और COVID के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी छात्रों को अपने गृहनगर में सुरक्षित रूप से लाना महत्वपूर्ण है- अलीगढ़ जिले में 19 और छात्रावासों में सीओवीआईडी -19 संक्रमण का संभावित संभावित जोखिम है। ”
छात्रों का आरोप है कि ट्रेनों के रूट बदल दिए गए। खाना और पानी तक व्यवस्था नहीं की गई। इस वजह से कई छात्रों को उल्टियां हुईं। साथ ही स्लीपर कोच की जगह जनरल कोच लगा दिए गए। सैनिटाइजेशन भी नहीं कराया गया है। छात्रों की शिकायत पर एएमयू की शिक्षिका तरुशिखा सर्वेश ने पूरे मामले से रेल मंत्री पीयूष गोयल को ट्विटर पर अवगत कराया है।
उनका मानना था कि उन्हें पांच कोच देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्होंने केवल चार कहा। “प्रत्येक कोच में 18 सीटें हैं और लगभग 30-34 छात्र हैं। ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे सामाजिक भेद का पालन किया जा सके। पुरुष छात्रों ने महिला छात्रों के लिए सीटें खाली कर दीं और फर्श पर सोने की कोशिश की।”
"राजनीति विज्ञान के एक छात्र के रूप में, हम अपने देश में संघीय ढांचे के महत्व के बारे में अध्ययन करते हैं, लेकिन मुझे एहसास है कि यह इस यात्रा के दौरान जमीन पर कैसे काम करता है,"
उन्होंने टिप्पणी की
पश्चिम बंगाल के
210 विद्यार्थियों को उनके घर के लिए रवाना किया गया था। इन सभी को मथुरा से ट्रेन पकड़नी थी। अलीगढ़ से ये सभी विद्यार्थी मथुरा पहुंचे। विद्यार्थियों ने बताया कि एएमयू ने रेलवे को स्लीपर कोच के लिए भुगतान किया था, लेकिन ट्रेन में जनरल बोगी लगा दी गई हैं।
मथुरा
पहुंचने पर जब कुछ छात्रों ने ट्रेन में गंदगी और अव्यवस्था देखी तो 70 छात्र वापस
लौट आए थे। ट्रेन से 140 छात्र पश्चिम बंगाल जा रहे हैं।
यही नहीं, ट्रेन में पीने के लिए पानी तक नहीं है। बहुत गंदगी है और इतने लंबे सफर में खाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बोगी नंबर दो, तीन और चार में सवार कुछ छात्रों की तबीयत भी खराब हो गई है और उन्हें लगातार उल्टियां हो रही हैं। ट्रेन का रूट भी बदल दिया गया है।
ट्रेन मुगलसराय होकर पश्चिम बंगाल पहुंचनी थी। उन्हें शुक्रवार सुबह
10 बजे तक पहुंच जाना था, लेकिन ट्रेन को राजस्थान व मध्यप्रदेश के रूट की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है।
इससे ट्रेन 30 घंटे बाद पश्चिम बंगाल पहुंचेगी। इसी तरह बृहस्पतिवार की रात अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से भी कुछ छात्र हावड़ा के लिए रवाना किए गए थे, लेकिन पूरी रात गुजर जाने के बाद ट्रेन शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक कानपुर तक ही पहुंच पाई है। इस ट्रेन में भी असुविधा होने की बात छात्रों ने कही है।
इससे ट्रेन 30 घंटे बाद पश्चिम बंगाल पहुंचेगी। इसी तरह बृहस्पतिवार की रात अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से भी कुछ छात्र हावड़ा के लिए रवाना किए गए थे, लेकिन पूरी रात गुजर जाने के बाद ट्रेन शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक कानपुर तक ही पहुंच पाई है। इस ट्रेन में भी असुविधा होने की बात छात्रों ने कही है।
ट्रेन की व्यवस्था एएमयू ने नहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने की है :
एएमयू के जनसंपर्क विभाग के एमआईसी प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि मथुरा से जो ट्रेन छात्रों को लेकर पश्चिम बंगाल जा रही है, उसकी व्यवस्था अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने नहीं की है।
इस ट्रेन की व्यवस्था पश्चिम बंगाल सरकार ने की है। पश्चिम बंगाल सरकार ने एएमयू से छात्रों के नाम मांगे थे। हमने वह नाम पश्चिम बंगाल सरकार को उपलब्ध करा दिए थे। हमने बृहस्पतिवार को छात्रों को बसों से ट्रेन में सवार होने के लिए अलीगढ़ से मथुरा रवाना किया था। बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया था।
महामारी के चलते हुए लॉक डाउन के कारण अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के घर लौट रहे छात्रों को ट्रेन में हुई असुविधा को विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। घर लौट रहे एएमयू
छात्रों के लिए विश्वविद्यालय ने खाने और पानी की व्यवस्था की
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने बताया कि जब उन्हें जानकारी मिली के मथुरा से पश्चिम बंगाल की ओर जा रही ट्रेन में छात्रों को बहुत ही असुविधा का सामना करना पड़ रहा है तो उन्होंने तुरंत बिलासपुर पर नाश्ता उपलब्ध कराया और खड़कपुर पर छात्रों को रात का खाना उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी है।
इसके अलावा जो ट्रेन अलीगढ़ से हावड़ा ट्रैक पर चली है उसमें सवार छात्रों को भी कानपुर पर नाश्ता उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा गया में रात के खाने की व्यवस्था कराई गई है। एएमयू के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार रेलवे और एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के संपर्क में हैं।
जहां-जहां से होकर ट्रेन गुजर रही है वहां वहां एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के सदस्यों को सक्रिय कर दिया गया है। छात्रों को खाने-पीने के अलावा चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन सभी छात्रों के सकुशल घर पहुंचने की कामना करता है और उनको अग्रिम ईद की शुभकामनाएं देता है। एएमयू जनसंपर्क विभाग के एमआईसी प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि ट्रेनों में हुई असुविधा के कारण छात्रों की परेशानी के संबंध में रेलवे के उच्चाधिकारियों को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अवगत
The End
Note-This
blog has been prepared with help of news printed in Hindi News Papers “Amar
Ujala”and "Dainik Jgran" of Aligarh Edition.Thanks to AMAR Ujala and Dainik Jgran. Photos are taken from net with
thanks.
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